उम्मीद है कि दो झाघेढ़ रही बिल्लियों व बंदर की कहानी आप सभी नें जरुर पढ़ी होगी. हमारे अनिल अम्बानी और मुकेश अम्बानी भायों नें भी ऐसा बहुत कुछ पढ़ा होगा, में हैरान हूँ कि ये भाई आपसी मामले को कोर्ट व पर्लिअमेंट में क्यों घसीट रहे हैं?
मैंने अर्बितुरतिओन पर जो पहली किताब पढ़ी थी, उसके प्रेफस की पहली लाइन आज भी मझे याद है, "99% of the problems are created by us. So, the first solution to solve problems is -- Don't create problems whereas the second and last solution is -- Compromise". आशा करता हूँ कि ये समझदार भाई भी जल्दी ही समझोता कर लेंगे.
Wednesday, November 25, 2009
Saturday, October 31, 2009
में शराध नहीं करता :(
में गाँधी जी, नेता जी व शहीदों के सिवा किसी और का शराध नहीं करता, क्योंकि में नहीं समझता कि हमारे बाकि बुजुर्गों नें ऐसा कोई खास काम किया हो कि उनका भी शराध मनाया जावे.
मुझे तरस आता है उन पर जो नारे तो लगाते हैं, "गर्व से कहो हम हिन्दू हैं", प्रुन्तु चोटी, तिलक, जनेऊ, लंगोट और धोती के बारे कुछ भी नहीं जानते.
मुझे तरस आता है उन पर जो नारे तो लगाते हैं, "गर्व से कहो हम हिन्दू हैं", प्रुन्तु चोटी, तिलक, जनेऊ, लंगोट और धोती के बारे कुछ भी नहीं जानते.
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